एजुकेशन डेस्क. शिक्षित भट्ट एक टेक आंत्रप्रेन्योर हैं, जिन्होंने टूटल नामक नेपाल का पहला राइड शेयरिंग ऐप डिजाइन किया है। शिक्षित, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं। इसके अलावा उन्होंने एमबीए में गोल्ड मेडल हासिल किया है। वर्ष 2002 में पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने टेलीकॉम सेक्टर में सात साल तक काम किया, जिसके बाद उन्होंने चार साल तक बैंकिंग फील्ड में काम किया। वर्ष 2013 में जब उन्होंने जॉब छोड़ा तो वे एजुकेशन व स्टार्टअप्स संबंधी प्रोजेक्ट्स पर काम करने लगे। बहुत सी योजनाओं के असफल होने के बाद एक दिन उन्हें टूटल का आइडिया आया।
अच्छी टीम न होना है, सबसे बड़ी मुश्किल
शिक्षित का मानना है कि किसी भी बिजनेस के लिए सबसे मुश्किल है, आपके पास एक अच्छी टीम का न होना। यही कारण था कि शुरुआत में उन्होंने अपने लिए फ्रेश ग्रेजुएट्स के साथ काम करना चुना। हालांकि एक अच्छी व कमिटेड टीम बनाने में उन्हें काफी वक्त लग गया। शिक्षित के अनुसार, आंत्रप्रेन्योर्स की एक परेशानी यह होती है कि स्टार्टअप्स के लिए उन्हें बहुत अधिक मदद नहीं मिलती है, इस वजह से हर छोटे काम में बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
आप जो काम करना पसंद करते हैं, उसमें रुचि लेना जरूरी
जब शिक्षित ने नेपाल में टूटल की शुरुआत की तो यह एक नया कॉन्सेप्ट था। इस ऐप का उपयोग करते हुए कोई भी राइडर अपने साथ किसी को लिफ्ट दे सकता है और पैसे भी कमा सकता है। अपनी कॉर्पोरेट जॉब्स और आंत्रप्रेन्योरशिप के बारे में बात करते हुए शिक्षित कहते हैं कि उन्होंने दोनों को ही एंजॉय किया। इस बारे में वे कहते हैं कि खुशी इस बात पर निर्भर करती है कि आप जो कर रहे हैं, उसे पसंद करें और उसमें रुचि लें। शिक्षित के अनुसार, आंत्रप्रेन्योरशिप आपको बेहद सकारात्मक बनाती है और आप सेविंग्स के बारे में न सोचकर अर्निंग्स के बारे में ज्यादा सोचते हैं।
सफलता का कारण बनता है, आपका सबसे कठिन टास्क
शिक्षित बताते हैं कि उन्होंने किसी समस्या को सुलझाने के लिए आंत्रप्रेन्योरशिप की राह नहीं चुनी, बल्कि यह राह उन्होंने खुद को एक्सप्रेस करने के लिए चुनी। दरअसल आंत्रप्रेन्योरशिप के रास्ते पर परेशानी और निश्चितताएं अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि जिस काम को करने में आपको परेशानी हो रही है, अगर उसे आप क्विट नहीं करते तो आगे जाकर वही काम आपकी सफलता का सबसे बड़ा कारण बन सकता है।